चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) चंडीगढ़ जोनल कार्यालय ने क्यूएफएक्स ट्रेड लिमिटेड कंपनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली, नोएडा, रोहतक और शामली (यूपी) में स्थित कंपनी के दफ्तरों पर छापेमारी के दौरान ईडी ने 170 करोड़ रुपये से अधिक राशि वाले 30 से ज्यादा बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। इसके अलावा, कंपनी संचालकों के आवास और अन्य ठिकानों से 90 लाख रुपये से अधिक की नकदी भी बरामद की गई। जांच के दौरान कंपनी के निदेशक अपनी आय के स्रोत को वैध रूप से साबित नहीं कर सके, जिसके चलते यह सख्त कदम उठाया गया। ईडी के मुताबिक, क्यूएफएक्स ग्रुप विदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) स्कीम चला रहा था।
हिमाचल प्रदेश में क्यूएफएक्स कंपनी और इसके निदेशकों द्वारा निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का लालच देकर एक अनियमित जमा योजना चलाई जा रही थी। एजेंटों के माध्यम से यह स्कीम चलाई गई, जिसमें वेबसाइट, ऐप और सोशल मीडिया विज्ञापनों के जरिए निवेशकों को फंसाया गया। निवेशकों से यह वादा किया गया कि उनके निवेश पर हर महीने 5% तक का रिटर्न मिलेगा, लेकिन बाद में उन्हें पैसे वापस नहीं मिले। इस धोखाधड़ी के चलते हिमाचल प्रदेश में कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
एफआईआर दर्ज होने के बाद भी कंपनी संचालकों ने अपनी गतिविधियां जारी रखीं और क्यूएफएक्स योजना का नाम बदलकर वाईएफएक्स (यॉर्कर एफएक्स) कर दिया। इसके तहत भी विदेशी मुद्रा व्यापार की आड़ में निवेशकों को लुभाया गया और पैसे ठगे गए। इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड नवाब अली उर्फ लविश चौधरी था, जिसने क्यूएफएक्स के अलावा बॉट-ब्रो, टीएलसी, यॉर्कर एफएक्स जैसी कई फर्जी निवेश योजनाएं शुरू कीं। ये योजनाएं फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट के रूप में प्रचारित की गईं।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी के निदेशकों—राजेंद्र सूद, विनीत कुमार और संतोष कुमार—ने निवेशकों का पैसा इकट्ठा करने के लिए फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया। एन-पेय बॉक्स प्राइवेट लिमिटेड, कैप्टर मनी सॉल्यूशंस प्रा. लि. और टाइगर डिजिटल प्रा. लि. जैसी कंपनियों के बैंक खातों में निवेशकों का धन डाला जा रहा था। ईडी ने इन कंपनियों के कार्यालयों और परिसरों की तलाशी ली और इन खातों में जमा 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली।
ईडी के अधिकारियों ने कंपनी के कुछ एजेंटों के ठिकानों पर भी छापा मारा, जिसमें 90 लाख रुपये से अधिक की नकदी और कई अहम दस्तावेज व डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। जांच के आधार पर 170 करोड़ रुपये वाले बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। इस मामले की विस्तृत जांच चंडीगढ़ ईडी जोनल कार्यालय द्वारा की जा रही है, और अन्य संभावित ठिकानों पर भी जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।